महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी ने बताया कि  कलेक्टर श्री कुलदीप शर्मा के मार्गदर्शन में जिले में सड़क किनारे गंभीर परिस्थिति में रह रहे बच्चों का चिन्हांकन कर सहायता कार्यक्रम चलाया जा रहा है।   ऐसे बच्चे जो बिना किसी सहारे के सड़कों पर अकेले रहते हैं, दिन में सड़कों पर  और रात में निकट की झुग्गी झोपड़ी बस्तियों में रहने वाले अपने परिवार के पास घर चापस आ जाते हैं, ऐसी श्रेणी के बच्चे अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षाे एवं चुनौतियों का सामना करते है, इन बच्चों का पहचान कर उन्हें संरक्षण प्रदान करने शिक्षा एवं अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध कराने, उनके परिवारों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाते हुए उनके प्रशिक्षण एवं रोजगार की व्यवस्था हेतु विभिन्न विभाग के समन्वय से कार्ययोजना अनुसार निरंतर अभियान चलाया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि सड़क के किनारे रहने वाले चिन्हांकित बालको हेतु छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रवर्तकता कार्यक्रम चलाया गया है, जिसके अंतर्गत किशोर न्याय (बालको की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम के अनुसार कुटुबों को बालक की चिकित्सकीय शैक्षणिक और विकास संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए वित्तीय या अनुपूरक सहायता का उपबंध भी किया गया है।

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