राजीव गांधी ग्रामीण कृषि भूमिहीन मजदूर न्याय योजना से मजदूरों को काफी राहत मिली है। योजना की प्रथम किश्त की राशि 2 हजार रूपये उनके खातों में पहुंच चुकी है। राशि का उपयोग किसी ने बच्चे की पढ़ाई तो किसी ने कपड़े-लत्ते अथवा घरेलू सामान खरीदने में कर रहे हैं। कमिश्नर डॉ. संजय अलंग ने आज कोटा विकासखण्ड के योजना के कुछ हितग्राहियों से वीडियो कॉन्फेंसिंग के जरिए चर्चा कर उनका हाल-चाल पूछा। श्रमिकों ने बताया कि जीवन में पहली बार उन्हें सरकार से इस तरह की सीधी मदद मिली है। अल्प आमदनी में किसी तरह गुजर बसर कर रहे हम जैसे गरीब लोगों के लिए सालाना 6 हजार रूपये बहुत बड़ी रकम है। इससे हम जैसे लाखों मजदूर परिवारों में खुशी की लहर है। इससे हमार जीवन स्तर बढ़ने के साथ सम्मान भी बढ़ा है। उन्होंने मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल को तत्परता से मदद दिलाने के लिए धन्यवाद दिये हैं।
कमिश्नर डॉ. अलंग ने आज कोटा विकासखण्ड के 7-8 हितग्राहियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। उन्होंने करीब आधे घण्टे तक मजूदरों से उनकी रोजी-रोटी, आमदनी और बाल-बच्चों की शिक्षा, इलाज आदि के बारे में पूछताछ कर जानकारी ली। ग्राम पटैता के मजदूर श्री रमेश साहू ने बताया कि वे गांव में ही कृषि मजदूरी कर जीवन-यापन करते हैं। वर्ष भर में 12-15 हजार की आमदनी हो जाती है। सालाना 6 हजार की राज्य सरकार की ओर से योजना के अंतर्गत राशि मिलने से जीवन आसानी से गुजर जायेगा। नवाडीह के रामसुरेश जगत ने बताया कि उन्हें उम्मीद नहीं थी कि राज्य सरकार हम जैसे गरीब लोगों के लिए इस तरह की योजना लायेगी। लेकिन मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने यह संभव कर दिखाया और इसके भरोसे उनका जीवन सुखपूर्वक गुजर रहा है। घर में तीन बच्चे भी अच्छी पढ़ाई कर रहे हैं। इसी तरह के विचार श्री होरीलाल साहू, आनंद कुमार भट्ट एवं भागवत ने भी व्यक्त किये हैं। इस अवसर पर डिप्टी कमिश्नर श्री अखिलेश साहू एवं श्रीमती अर्चना मिश्रा भी उपस्थित थीं।