स्कूली बच्चों के समग्र विकास के लिए भारत सरकार के स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता विभाग द्वारा साल भर की कार्ययोजना बनाई गई है। इसके आधार पर प्राथमिक स्कूल के बच्चों के शिक्षा स्तर को बढ़ाने काम किया जाएगा। नेशनल अचीवमेंट सर्वे 2017-18 के आधार पर धमतरी ज़िले का भी इसमें चयन किया गया है। इसमें बच्चों की भाषा, गणित अधिगम को बेहतर करने फोकस्ड तौर पर काम होगा। इसके अलावा स्कूलों में अधोसंरचना जैसे रनिंग वाटर, शौचालय, विद्युत आपूर्ति, छात्र-शिक्षक का अनुपात, स्कूल से ड्रॉप आउट, शिक्षक प्रशिक्षण इत्यादि को भी बेहतर करने पर काम किया जाएगा। कलेक्टर श्री पी.एस.एल्मा ने ज़िला शिक्षा अधिकारी को आज शाम तक इसकी विस्तृत कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जल्द से जल्द इसे मैदानी स्तर पर अमली जामा पहनाया जा सके। उन्होंने इसके लिए जिला स्तर पर कोर टीम और ब्लॉक तथा संकुल स्तर पर क्रियान्वयन दल का गठन करने के भी निर्देश दिए हैं।

ज्ञात हो कि आज सुबह दस बजे भारत सरकार के स्कूल शिक्षा तथा साक्षरता सचिव श्रीमती अनिता करवाल ने वीडियो कॉन्फ्रेंस ली। इसमें समग्र शिक्षा तथा पीएम पोषण अभियान के जरिए शैक्षिक परिणाम को बेहतर करने लक्षित पद्धति को अपनाकर जनवरी 2022 से मार्च 2023 तक की समयावधि में स्कूल शिक्षा का अधिगम स्तर ऊंचा करने ’बनाई गई कार्ययोजना’ पर जानकारी दी गई। संचालक, स्कूल शिक्षा और साक्षरता, भारत सरकार श्री जे.पी.पाण्डेय तथा संयुक्त सचिव श्री मनीष गर्ग ने इसकी बारीकियों को वीडियो कॉन्फ्रंेस में रखा। बताया गया कि कक्षा तीसरी और पांचवीं के बच्चों का भाषा और गणित का अधिगम स्तर राष्ट्र के औसत स्तर तक लाना इसका मुख्य उद्देश्य है। इस दौरान विभिन्न शैक्षणिक संकेतकों, प्रमुख बिन्दु जिसके आधार पर अधिगम स्तर ऊंचा करना है, पृष्ठभूमि, नई शिक्षा नीति 2020, निपुण भारत मिशन के तहत मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के लक्ष्य पर पॉवर प्वाइंट प्रजेंटेशन के जरिए जानकारी दी गई, ताकि पांचवीं तक के बच्चों का समग्र विकास किया जा सके। कलेक्टर ने जिले में इसके लिए सभी आवश्यक तैयारियां करने के निर्देश दिए हैं। एनआईसी कक्ष में आहूत इस वीडियो कॉन्फ्रंेस में ज़िला शिक्षा अधिकारी सहित सर्व शिक्षा अभियान के अधिकारी भी मौजूद रहे।

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