कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर ठगी करने वालों से लोगों को बचाने के लिए जिले की पुलिस व साइबर सेल लोगों को जागरूक कर रही है। यह कदम जिला पुलिस ने लोगों को वैक्सीन के पंजीकरण के लिए लगातार कॉल किए जाने की जानकारी आने के बाद उठाया है। इसमें आधार के साथ मोबाइल पर आए ओटीपी की जानकारी मांगी जा रही है। इस तरह की जानकारी देने से बैंक खातों से रकम उड़ाई जा सकती है। भारत में कोरोना वायरस के खिलाफ दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है।
ऐसे झांसा दे रहे हैं साइबर ठग
पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह ने लोगों से किसी के झांसे में न आने की हिदायत दी है। किसी भी जानकारी के लिए संबंधित जिले के मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी से संपर्क करें। एस.पी. का कहना है कि कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर ठगी करने वाले झांसा देते हैं। पंजीकरण के नाम पर संबंधित व्यक्ति के आधार कार्ड और मेल से संबंधित जानकारी मांगी जाती है। आधार कार्ड के सत्यापन के लिए नाम पर मोबाइल में आए ओटीपी की जानकारी मांगी जाती है। ओटीपी और आधार नंबर देने पर बैंक खाते से रकम निकाली जा सकती है।
पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेंद सिंह ने कहा कि कोरोना वैक्सीन के पंजीकरण के नाम पर आने वाले कॉल से सावधान रहें। साइबर ठग पंजीकरण के नाम पर बैंक खातों में डाका डाल सकते हैं। अपने आधार कार्ड व मोबाइल पर आने वाले बैंक खाते की जानकारी किसी को न दे। ठग कोविड-19 के टीके के नाम पर लिंक भेजते हैं तो उससे बचा जाए। लिंक को खोलने से बैंक खातों का डाटा चोरी होने के साथ रुपयों की ठगी हो सकती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने बताया कि वैक्सीनेशन के लिए केंद्र सरकार व स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशा निर्देश पर टीकाकरण किया जा रहा है। ऐसे में किसी तरह के फर्जी ठगों के झांसे में न आने लोगों से अपील की जा रही है। कोरोना वैक्सीन के लिए किसी भी तरह के पंजीकरण अभी तक नहीं किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस संबंध में कोई जानकारी साझा की जाएगी तो वह अधिकारिक रूप से होगी। कोरोना वैक्सीन लगाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी रहेगी।