बु्रसेलोसिस एक जीवाणु (बैक्ट्रीरिया) जनित गाय, भैंस में होने वाली संक्रामक बीमारी है जो पशुओं से मनुष्यों को प्रभावित कर सकती है। इस बीमारी से ग्रस्त पशुओं में मुख्य लक्ष्ण गर्भावस्था में अंतिम तिमाही (07 से 09 माह) में गर्भपात हो जाता है। एक बार संक्रमित हो जाने पर पशु अपने जीवनकाल तक इस जीवाणु को अपने गर्भास्य के स्त्राव में निकालता है जिससे यह रोग डेयरी फार्म में बड़े पैमाने में फैलता है जिससे पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है। पशुओं में बु्रसेलोसिस का कोई सफल प्रमाणित ईलाज नहीं है इसलिए बचाव के तरीके अपनाकर ही पशुओं को इस रोग से बचाया जा सकता है। बु्रसेलोसिस के बचाव का एक मात्र उपाय टीकाकरण है। जो कि स्वस्थ बछियों में 04 से 08 माह के उम्र् में किया जाता है।

भारत सरकार के राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनएडीसीपी)-
उपसंचालक पषु चिकित्सा सेवायें से प्राप्त जानकारी अनुसार जिले में बु्रसेलोसिस के तहत 30 दिवसीय टीकाकरण अभियान 05 जनवरी 2022 से प्रारंभ किया गया है। जिसके तहत 04 से 08 माह के उम्र के सभी मादा बछियाओं का टीकाकरण किया जायेगा। अभियान अन्तर्गत टीकाकरण उपरान्त ईयर टैग लगाकर भारत सरकार के ऑनलाईन पोर्टल पर टीकाकरण का पंजीयन किया जाना है। जिले के सभी पशुपालकों से आग्रह किया गया है कि टीकाकरण अभियान को सफल बनाने हेतु विभाग को सहयोग प्रदान करें।

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