सड़क पर रहने वाले एवं घूमने वाले बच्चों जैसेः-अपशिष्ट संग्रहक, बालश्रम, भिक्षावृत्ति एवं नशा में लिप्त रहते हैं, उनके संरक्षण के लिये विशेष अभियान चलाया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण इकाई, पुलिस विभाग, श्रम विभाग एवं चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के द्वारा रेस्क्यू अभियान में ऐसे बच्चों को खोजने का कार्य किया जायेगा। कलेक्टर श्री चन्दन कुमार के निर्देशानुसार ऐसे बच्चों के सर्वेक्षण के लिए 25 जनवरी 2022 तक अभियान चलाया जाएगा। उक्त श्रेणी के बच्चें अपनी उत्तरजीविता, भोजन, पानी, वस्त्र, आश्रय एवं संरक्षण हेतु प्रतिदिन विभिन्न प्रकार के संघर्षो एवं चुनौतियों का सामना करते हैं, इन बच्चों के चिन्हाकंन, संरक्षण एवं पुर्नवास किया जाना है तथा किशोर न्याय अधिनियम 2015 के प्रावधानों के अनुसार पुर्नवास की प्रक्रिया सुनिश्चित किया जाना है, साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य, देखभाल, उनकी शिक्षा निरंतर रखे जाने तथा आश्रय प्रदान किये जाने हेतु समस्त उपाय करना है।    ऐसे बच्चों के परिवारों को कौशल उन्नयन, रोजगार, अजीविका तथा अन्य सहायता की आवश्यकतानुसार विभिन्न विभागों की प्रचलित योजनाओं के तहत लाभाविन्त किया जाना है।
जिला प्रशासन द्वारा आम लोगों से अपील की गई है कि जिले में  सड़कों पर रहने व घूमने वाले बच्चें दिखे या पाये जाते हैं तो तत्काल उसकी सूचना जिले स्तर पर जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास विभाग कांकेर, परियोजना स्तर पर परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, ग्राम पंचायत स्तर पर अध्यक्ष ग्राम पंचायत बाल संरक्षण समिति, चाईल्ड लाईन नम्बर 1098 के अलावा पुलिस थाना को सूचना दी जावे।

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