जिले में अब तक 578 करोड़ रूपये के 2 लाख 99 हजार मीटरिक टन धान की खरीदी की जा चुकी है। लगभग 40 प्रतिशत किसान अपनी उपज उपार्जन केन्द्रों पर बेच चुके हैं। इस दफा शुरू से ही खरीदी केन्द्रों से उठाव किये जाने से समितियों में सुविधाजनक तरीके से धान उपार्जन का कार्य जारी है। कलेक्टर ने आज यहां राजस्व एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी अभियान की प्रगति की समीक्षा की है। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी का कार्य राज्य सरकार का किसान हितैषी सबसे बड़ा अभियान है। इसमें किसानों की सुविधा का ख्याल रखा जाना चाहिए। उन्हें अपनी मेहनत का उपज बेचने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों ने बैठक में बताया कि जिले अब तक 99 हजार 952 किसानों ने एक अथवा दो बार धान बेच चुके हैं। सीमांत किसानों का 59 प्रतिशत, लघु किसानों का 47 प्रतिशत, 10 एकड़ तक के किसानों का 28 प्रतिशत, बीस एकड़ तक के किसानों का 23 प्रतिशत एवं 20एकड़ से ज्यादा किसानों में से 19 प्रतिशत ने धान बेचे हैं। लघु एवं सीमांत किसानों के धान प्राथमिकता से खरीदे जा रहे हैं। सोसायटियों में जमा धान मंे से 33 प्रतिशत का उठाव भी हो चुका है। प्रतिदिन लगभग 1 लाख 90 हजार क्विंटल धान का उपार्जन 182 उपार्जन केन्द्रों से हो रहा है। जिले में धान खरीदी का अनुमानित लक्ष्य इस साल 7.63 लाख मीटरिक टन प्रस्तावित किया गया है।