रायपुर : राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद् जशपुर के सचिव श्री पालुराम प्रधान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमण्डल ने रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने का आग्रह किया। प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निवासरत रौतिया जाति को 1931 में हुए जनगणना की सूची में तथा मध्यप्रदेश के राजपत्र में 1950 में बतौर अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया था, पर 1956 के भारत के राजपत्र में रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से विलोपित कर सरल क्रमांक 15 में राठिया जाति को अधिसूचित किया गया है। प्रतिनिधिमण्डल का कहना था कि राठिया कोई जाति नहीं है यह केवल सरनेम के रूप में लिखा जाता है, जो वर्तनी त्रुटि के कारण रौतिया जाति की जगह गजट में राठिया लिखा गया है। इसलिए रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।प्रतिनिधिमण्डल में श्री मीनू प्रसाद सिंह, श्री निर्मल सिंह, श्री नंदकिशोर रौतेया एवं श्री राम किशोर राम शामिल थे। से रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने का किया आग्रह

ByNEWS DESK

Dec 22, 2021

राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके से राजभवन में अखिल भारतीय रौतिया समाज विकास परिषद् जशपुर के सचिव श्री पालुराम प्रधान के नेतृत्व में प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात की। प्रतिनिधिमण्डल ने रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल कराने का आग्रह किया।
प्रतिनिधिमण्डल ने बताया कि छत्तीसगढ़ में निवासरत रौतिया जाति को 1931 में हुए जनगणना की सूची में तथा मध्यप्रदेश के राजपत्र में 1950 में बतौर अनुसूचित जनजाति अधिसूचित किया गया था, पर 1956 के भारत के राजपत्र में रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति की सूची से विलोपित कर सरल क्रमांक 15 में राठिया जाति को अधिसूचित किया गया है। प्रतिनिधिमण्डल का कहना था कि राठिया कोई जाति नहीं है यह केवल सरनेम के रूप में लिखा जाता है, जो वर्तनी त्रुटि के कारण रौतिया जाति की जगह गजट में राठिया लिखा गया है। इसलिए रौतिया जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल किया जाए।प्रतिनिधिमण्डल में श्री मीनू प्रसाद सिंह, श्री निर्मल सिंह, श्री नंदकिशोर रौतेया एवं श्री राम किशोर राम शामिल थे।

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