छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की घोषणा के अनुसार प्रदेश के किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का कार्य एक दिसम्बर से शुरू हो गया है। राज्य के विभिन्न जिलों की सहकारी समितियों में बनाये गए खरीदी एवं उपार्जन केन्द्रों पर किसानों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए व्यापक प्रबंध किए गए हैं। किसान अपने स्वयं के बारदाने में सहकारी समिमियों में धान बेच सकते हैं। बारदानें की कीमत किसानों को दी जाएगी। इस खरीफ विपणन वर्ष में छत्तीसगढ़ में करीब 105 लाख मीट्रिक धान की खरीदी का अनुमान है। धान खरीदी पंजीकृत किसानों से की जा रही है। धान का अन्य राज्यों से अवैध परिवहन नहीं हो इसके लिए छत्तीसगढ़ की सीमाओं पर चेक पोस्ट बनाकर कड़ी निगरानी की जा रही है। इसके लिए पुलिस, राजस्व एवं खाद्य विभाग के अधिकारियों की टीम बनाई गई है। खरीदी केन्द्रों में आने वाले किसानों में खुशी एवं उत्साह देखा जा रहा है। मेहनत का वाजिब दाम मिलने से किसान खुश हैं। बिलासपुर जिले के कोटा विकासखंड के पिपरतराई धान खरीदी केन्द्र में समर्थन मूल्य पर धान बेचने आए किसान समिति में धान खरीदी के लिए की गयी व्यवस्थाओं से संतुष्ट नजर आए।

 

समर्थन मूल्य पर धान खरीदीपिपरतराई धान खरीदी केन्द्र में धान बेचने आए किसान श्री रामनाथ साहू ने बताया कि उन्होंने 60 क्विंटल धान के लिए टोकन कटाया है। उनके पास 12 एकड़ कृषि भूमि हैं। उन्होंने कहा कि यहां सारी व्यवस्थाएं बहुत अच्छी है। उन्हें धान बेचने में किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आई। श्री प्रदीप कुमार साहू ने 100 क्विंटल धान इस केंद्र में समर्थन मूल्य पर बेचा है। उन्होंने बताया कि धान खरीदी केंद्र में टोकन व्यवस्था शानदार है। धान बेचने में कोई दिक्कत नहीं हो रही है। राजीव गांधी किसान योजना के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार जताया।

 

 

श्री शेष नारायण ने 13 क्विंटल धान के लिए टोकन कटाया है। उन्होंने पुराने बारदाने का मूल्य 18 रूपये से बढ़ाकर 25 रूपये करने पर मुख्यमंत्री का आभार जताया। वे कहते है कि राज्य सरकार ने किसानों के हित में बड़ा फैसला लिया है, इससे किसानों को फायदा होगा। श्री प्रेमलाल साहू ने 52 क्विंटल धान की बिक्री की है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी केंद्र में किसानों की सहूलियत का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। वे धान बिक्री की व्यवस्था से बहुत प्रसन्न है। टोकन मिलने के दूसरे ही दिन धान की तौलाई हो रही है। वे कहते है कि किसानों को ऐसी सुविधा मिलने से खेती किसानी करने में उत्साह आता है। पिपरतराई धान केंद्र में 1 हजार 67 पंजीकृत किसान है। यहां पिपरतराई, खरगहनी, कलारतराई, रानी सागर, छेरकाबांधा एवं बांकीघाट गांव के किसान अपना धान बेचने आते है।

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