रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार ने 1994 बैच के IPS जीपी सिंह (GP Singh) को सस्पेंड कर दिया है. गृह विभाग ने बीते सोमवार की देर शाम जीपी सिंह के निलंबन का आदेश जारी किया. आय से अधिक संपत्ति के मामले में एसीबी की कार्रवाई के बाद गृह विभाग ने ये आदेश जारी किया है. बीते 1 जुलाई की सुबह जीपी सिंह के रायपुर निवास सहित 15 ठिकानों पर एसीबी ने छापामार कार्रवाई की थी. यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों के साथ ही नगर, जेवरात व बेनामी संपत्ति का खुलासा हुआ था. जीपी सिंह के कुछ लोगों के साथ कारोबारी ताल्लुकात के भी प्रमाण मिलने के दावे किए जा रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में साल 2018 में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद जीपी सिंह को एसीबी और इओडब्ल्यू का प्रमुख बनाया गया था. तब ये माना जा रहा था कि वे सरकार के करीबी हैं, लेकिन इस बीच लगातार शिकायतों का हवाला देकर उन्हें पद से हटा दिया गया. आरोप लगे हैं कि एसीबी चीफ रहते जीपी सिंह ने छापे का डर दिखाकर लोगों से अवैध वसूली की और उस रकम को सेल कंपनियों में लगाया. जीपी सिंह के ठिकानों से करीब 10 करोड़ रुपयों के बेनामी संपत्ति, कैश व जेवरात बरामद करने का दावा किया गया है.
सहयोगियों के यहां भी कार्रवाई
अधिकारियों के अनुसार जांच के दौरान एसीबी को सिंह के सहयोगियों रायपुर निवासी प्रीतपाल चाण्डोक, मणिशंकर, राजनांदगांव निवासी सीए राजेश बाफना और उड़ीसा स्थित ग्लोबल एसोसिएट्स के संबंध में जानकारी मिली थी. उन्होंने बताया कि सिंह के मित्र भारतीय स्टेट बैंक के शाखा प्रबंधक मणिभूषण के निवास स्थान पर एसीबी ने छापा मारकर एक-एक किलोग्राम सोने की दो पट्टी बरामद की हैं, जिसकी कीमत लगभग एक करोड़ रुपए है. मणिभूषण ने जानकारी दी है कि सोने को सिंह ने उनके घर में रखवाया था. अधिकारियों ने बताया कि एसीबी के दल ने सिंह के अन्य मित्र प्रीतपाल सिंह चंडोक के निवास की तलाशी ली. तलाशी के दौरान प्रीतपाल सिंह के शयन कक्ष से 13 लाख रुपये बरामद किया गया. प्रीतपाल ने जानकारी दी है कि जी पी सिंह ने 30 जून की रात में यह पैसा उनके घर में रखवाया था.