मनरेगा के साथ ‘कृषि, सहकारिता एवं किसान कल्याण विभाग’ तथा ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के अभिसरण से उद्यानिकी कार्य भी किए जाएंगे। राज्य मनरेगा आयुक्त श्री मोहम्मद कैसर अब्दुलहक ने इस संबंध में सभी कलेक्टरों को परिपत्र जारी कर मनरेगा अभिसरण के लिए दिशा-निर्देशों के अनुरूप उद्यानिकी कार्यों को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

राज्य मनरेगा कार्यालय द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि मनरेगा के अंतर्गत उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण विभाग तथा केन्द्रीय ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के साथ अभिसरण के निर्देश दिए गए हैं। भारत सरकार के दोनों मंत्रालयों के सचिवों द्वारा संयुक्त गाइडलाइन जारी कर उद्यानिकी के कार्यों को अभिसरण से कराए जाने के लिए निर्देशित किया गया है। उद्यानिकी को बढ़ावा देने अच्छे पौधों की उपलब्धता, तकनीकी विशेषज्ञता तथा प्रशिक्षण सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से यह संयुक्त गाइडलाइन जारी की गई है। इसके तहत मनरेगा और राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.) का कृषि, सहकारिता और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संचालित राष्ट्रीय बागवानी मिशन (एन.एच.एम.) एवं एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एम.आई.डी.एच) का अभिसरण किया जाएगा।

राज्य मनरेगा आयुक्त ने सभी कलेक्टरों-सह-जिला कार्यक्रम समन्वयकों को मनरेगा के दिशा-निर्देशों एवं प्रावधानों का अनुपालन करते हुए सयुंक्त गाइडलाइन के अनुसार उद्यानिकी के कार्यों को अभिसरण के माध्यम से लेने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अभिसरण के तहत उद्यानिकी वृक्षारोपण को चुनने के लिए एस.आर.एल.एम. (State Rural Livelihood Mission) द्वारा ग्राम पंचायतों में संयुक्त जागरूकता बैठक आयोजित करवाते हुए उन्हें मनरेगा, एम.आई.डी.एच. (Mission for Integrated Development of Horticulture) एवं एन.आर.एल.एम. के तहत दिए जाने वाले लाभों की जानकारियों से ग्राम पंचायतों को अवगत कराने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने को कहा है। उन्होंने अभिसरण इनपुट के अन्य प्रावधानों की भी जानकारी ग्राम पंचायतों को उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं।

उद्यानिकी को बढ़ावा देने के लिए मनरेगा अभिसरण से सामुदायिक जमीनों पर एवं लाभार्थियों की आजीविका समृद्धि के लिए उनकी निजी भूमि पर योजनांतर्गत अनुमेय कार्य लिए जाएंगे। परिसंपत्तियों के सृजन तथा योजना में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए एन.आर.एल.एम. के अंतर्गत स्वसहायता समूहों की महिलाओं को लेकर गठित क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सी.एल.एफ.) को बतौर परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी (पी.आई.ए.) बनाया जा सकेगा।

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