शासन द्वारा संचालित छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ’बिहान’ से विकासखण्ड पाली के ग्राम पंचायत केराझरिया की अंजू पैंकरा ने अपने सपनों को नया आयाम दिया है। श्रीमती अंजू पैकरा के परिवार में इनके पिता इंदल सिंह पैकरा, माता श्रीमती रामकुंवर हैं। पहले परिवार की आय का मुख्य जरिया कृषि कार्य था लेकिन जमीन कम होने के कारण कृषि कार्य से आय हर माह महज चार हजार से पांच हजार ही हो पाती थी, जिससे परिवार का जीवन यापन मुश्किल से हो पाता था। शासन की बिहान जैसी महत्वकांक्षी योजना का लाभ लेते हुए श्रीमती अंजू पैंकरा भूमि स्वसहायता समूह में शामिल हुईं। उन्होंने तीन माह तक स्वसहायता समूह के सफल संचालन और समूह के लिए निर्धारित पांच सूत्रों का पालन करने के बाद इस समूह को 15 हजार रूपए के तथा छह महीने के बाद 60 हजार रूपए की राशि सामुदायिक निवेश कोष के रूप में प्रदान की गई। एक वर्ष पश्चात इस योजना के तहत एक लाख रूपए की ऋण राशि श्रीमती अंजू पैंकरा को प्रदान किया गया जिससे उन्होंने किराना दुकान का संचालन किया। आज अंजू पैंकरा हर माह आठ हजार रूपए से अधिक की आमदनी प्राप्त कर रही है। पहले जहां छोटे से भूमि में कृषि कार्य करने के कारण बामुश्किल जीवन-यापन हो पाता था, आज इस योजना से बढ़ी हुई आमदनी से इनके जीवन स्तर में काफी सुधार हुआ तथा परिवार में खुशहाली आई। आज इस स्वसहायता समूह के द्वारा केंचुआ उत्पादन तथा हर्बल गुलाल आदि आजीविका आधारित गतिविधियों के माध्यम से अतिरिक्त आमदनी प्राप्त किया जा रहा है।