समर्थन मूल्य पर धान खरीदी के लिए प्रशासनिक तैयारियां जिले में जोर-शोर से चल रही हैं। आगामी 1 दिसम्बर से किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी किये जाने का प्रस्ताव है। जिले में इस साल 173 धान खरीदी केन्द्रों के जरिए लगभग 7 लाख 60 हजार मीटरिक टन धान खरीदी किये जाने का अनुमानित लक्ष्य रखा गया है। कलेक्टर श्री सुनील कुमार जैन एवं एसपी श्री आई.के.एलिसेला ने संयुक्त रूप से अधिकारियों की बैठक लेकर सुव्यवस्थित एवं पारदर्शिता पूर्ण तरीके से धान खरीदी के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं। कोचिया अथवा अन्य जिलों से धान की अवैध आवक की रोकथाम के लिए सीमाओं पर डेढ़ दर्जन से ज्यादा चेकपोस्ट बनाये गये हैं। बैठक में अपर कलेक्टर श्री राजेन्द्र गुप्ता सहित धान खरीदी स जुडे़ राजस्व, खाद्य विभाग, कृषि विभाग एवं सहकारिता विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

कलेक्टर श्री जैन ने कहा कि किसानों से धान खरीदी का अभियान राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता का काम है। वास्तविक किसानों को धान खरीदी से जुड़े किसी भी काम में कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए। हमें अपनी तैयारी समय से पूर्व और पुख्ता तरीके से रखना होगा। कलेक्टर ने धान खरीदी के संबंध में राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों से अधिकारियों को अवगत कराया। उन्होंने किसानों के पंजीयन से लेकर फड़ से धान के परिवहन तक एक-एक प्रक्रिया की बारीकी से समीक्षा की। धान खरीदी से जुड़े हर अमले को उन्हेांने सौंपे गये कार्यों का दायित्व बोध कराया और सतर्क होकर धान खरीदी का काम करने की अपेक्षा की। उल्लेखनीय है कि इन केन्द्रों पर समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जायेगी। पतला धान का समर्थन मूल्य 1960 रूपये प्रति क्विंटल तथा सरना एवं मोटे धान का समर्थन मूल्य 1940 रूपये निर्धारित किया गया है। प्रति एकड़ 15 क्विंटल धान की खरीदी पूर्व की भांति की जायेगी।

बैठक में अधिकारियों ने बताया कि इस साल 1 लाख 72 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचने के लिए पंजीयन कराये हैं, जो कि पिछले साल से लगभग 10 हजार किसान ज्यादा हैं। कलेक्टर ने कुछ किसानों के लंबित पंजीयन को दो दिन में पूर्ण करने को कहा है। उन्होंने बैठक में विशेष रूप से उपार्जन केन्द्रों हेतु स्थल चयन एवं साफ-सफाई, विद्युत व्यवस्था, कम्प्यूटर सेट्स, यूपीएस, इन्टरनेट कनेक्शन, जनरेटर, आद्रतामापी यंत्र का केलिबरेशन, कांटा-बांट का सत्यापन, बारदानों की उपलब्धता, रंग एवं सुतली की व्यवस्था, डॉटा एण्ट्री ऑपरेटर की व्यवस्था, हमालों की व्यवस्था, फड़ में भण्डारण हेतु उपलब्ध रकबा, उपलब्ध चबूतरों की संख्या, तारपोलीन की व्यवस्था, डनेज की व्यवस्था, प्राथमिक उपचार पेटी, पेयजल, बेनर-पोस्टर, एफएक्यू की जानकारी एवं सेम्पल प्रदर्शन, निगरानी समिति धान की सुरक्षा एवं भण्डारण के उपायों की जानकारी ली और जरूरी दिशा-निर्देश दिए।

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