प्री-डायबिटीज का मतलब है आपका ब्लड शुगर लेवल सामान्य से ज्यादा होना। यह बीमारी तब होती है जब शरीर हार्मोन इंसुलिन का ठीक से उपयोग नहीं करता है। आयुर्वेद में इसे प्रबंधित करने के बेहतरीन तरीके दिए गए हैं।
आपने देखा होगा कि डॉक्टर्स कई बार लोगों को अपनी लाइफस्टाइल में सुधार करने की सलाह देते हैं। भले ही आपके साथ डायबिटीज की कंडीशन न हो। दरअसल, वे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि अगर आपका ब्लड शुगर लेवल असामान्य या सामान्य से ज्यादा है, तो पूरी संभावना है कि भविष्य में आपको टाइप टू डायबिटीज या ह्दय रोग का खतरा हो।
असामान्य ब्लड शुगर से जूझ रहे लोगों को अक्सर प्रीडायबिटिक रोगी वाली कैटेगरी में रखा जाता है। क्योंकि इनमें बाद में डायबिटीज होने का जोखिम बहुत ज्यादा है। National Institute Of Health के अनुसार, प्री-डायबिटीज रिवर्सिबल है। इसके उपचार में जीवनशैली में बदलाव, जैसे आहार, व्यायाम और दवाएं लेना शामिल है। तो चलिए जानते हैं क्या होती है प्री-डायबिटीज और इसे दूर करने में आयुर्वेद कैसे आपकी मदद कर सकता है।
देखा जाए तो प्रीडायबिटीज के कोई स्पष्ट लक्षण या संकेत नहीं है। लेकिन इंसुलिन प्रतिरोध कई तरह की बीमारियों से जुड़ा हुआ है, जिसमें पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, और कुछ व्यक्तियों में अकन्थोसिस निगरिकन्स इस स्थिति के साथ ओवरलैप हो जाते हैं। जबकि जरूरत से ज्यादा प्यास लगना, रात में ज्यादा पेशाब आना, घावों को ठीक होने में असमान्य रूप से ज्यादा समय लगना और कुछ मामलों में थकान जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।