केले को खाने का एक समय होता है. दिन में कभी भी किसी भी समय केले (Banana) का सेवन आपको फायदे की जगह नुकसान पहुंचा सकता है. गलत टाइम पर खाया केला आपके लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है. ऐसे में हमें कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए. आप सबको पता ही होगा कि केले (Banana) के पकने की एक प्रक्रिया होती है. इसी से हम पता लगा सकते हैं कि कौन सा केला आपके लिए फायदेमंद साबित होगा और कौन सा नुकसानदायक. पोटेशियम, फोलेट, कार्ब और ट्रिप्टोफैन से भरपूर केले (Banana) सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. कई पोषण तत्वों से भरपूर होने के बाद भी कई तरह के निशान वाले केले (Banana) आपकी सेहत पर बुरा असर डाल सकते हैं. आइये जानते हैं कैसे करना चाहिये केले की पहचान.

जो लोग अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं, उनके लिये केला बेस्ट ऑप्शन है, लेकिन जो वजन घटना चाहते हैं या अपने बढ़ते वजन पर कंट्रोल पाना चाहते हैं, उनके लिए केला का हद से ज्यादा सेवन घाटे का सौदा साबित हो सकता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि केले में कैलोरी की मात्रा ज्यादा होती है, ये वजन बढ़ाने के लिए सहायक है. अगर आप वजन नहीं बढ़ाना चाहते तो केले को दूध के साथ या फिर केले के बाद दूध पीने की आदतों को सुधार लें

ज्यादा पके हुए केले (Overripe Bananas)
बता दें कि ज्यादा पके केले नुकसानदायक साबित हो सकते हैं, इसलिए हो सके तो ज्यादा पके केले (Overripe Bananas) खाने से बचें. जिन केलों के छिलकों पर भूरा रंग के धब्बे होते हैं, उनमें शुगर की मात्रा 17.4 होती है. वहीं पीले केलों में इसकी मात्रा 14.4 ग्राम होती है.

कम फाइबर वाले केले (Low Fiber Bananas)
हद से ज्यादा पके केले में फाइबर की मात्रा भी बेहद कम होती है. इन केलों में 1.9 ग्राम फाइबर पाया जाता है. इसके मुकाबले पीले केले में 3.1 ग्राम मात्रा होती है. वहीं पके केलों में फाइबर कम होता है, साथ ही विटामिन A, B6 और विटामिन K की भी मात्रा कम होती है.

पीले केले (Yellow Bananas)

पीले केले सेहत के लिए बेहद फायदेमंद है. हरे व भूरे रंग के केले के मुकाबले पीले रंग के केले ज्यादा सुरक्षित माने जाते हैं. ये खाने में भी अच्छे लगते हैं और पोषक तत्वों से भी भरपूर होते हैं.

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