राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत् महासमुंद सहित विकासखंड बागबाहरा, बसना, सरायपाली और पिथौरा में हर हफ्ते लगने वाली हाट-बाजार में क्लीनिक स्वास्थ्य शिविर में जांच और इलाज की सुविधा मुहैया करायी जा रही है। वहीं मरीजों को त्वरित रूप से आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। जिले में इस योजना के शुरुआत से अब तक लगभग 55 हजार से ज्यादा लोगों के विभिन्न बीमारियों में स्वास्थ्य का परीक्षण कर जरूरी उपचार किया गया। विगत ढाई माह (01 जुलाई से 13 सितम्बर) में जिले में लग रही हाट-बाजारों में 20500 लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको दवाईयां दी गयी।

इस योजना से ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ हो इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर नुक्कड़ नाटक/कलाजत्था के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में शिविर के बारे मंज लोगों को जानकारी देकर जन जागरूकता निर्मित की जाती है। कोरोना काल के चलते चिकित्सकों, स्वास्थ्य कर्मी इस महामारी से लोगों के स्वास्थ्य रक्षा में लगे होने एवं लॉकडाउन के कारण इस योजना पर भी असर पड़ा। ज़िले के विकासखंड बागबाहरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम चुरकी, खट्टी, तुसदा आदि के साप्ताहिक हाट-बाजार में आये ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने बताया कि शासन की यह योजना बहुत ही फायदेमंद है।

इस योजना के बारे में ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब हमारे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार ने खुद उठा ली है। परिवार के सदस्यों को भी स्वास्थ्य जांच के लिए बाजार में लगे हाट-बाजार में भी लाते हैं। हाट-बाजार में नियमित क्लीनिक लगने से अब पहले की अपेक्षा भीड़ बढ़ी है। ग्रामीण अपनी दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय करने हेतु साप्ताहिक बाजार में आते हैं। जहां खरीदी के साथ-साथ वे अपने स्वास्थ्य की भी जांच करवा लेते हैं। दुर्गम इलाकों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना किसी देवदूत से कम नहीं है। माह अगस्त से जिले के 99 हाट बाजारों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जॉच कर निःशुल्क दवाईयां मुहैया करायी जाती है।

छत्तीसगढ़ राज्य में शुरू की गई मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने जन-जन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (02 अक्टूबर 2019) पर पूरे प्रदेश में यह योजना लागू की। प्रदेश के कई जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में न जाने कितने ऐसे इलाके हैं, कितने गांव हैं, जहां से निकलकर जिला मुख्यालय तक की दूरी तय कर इलाज के लिए अस्पताल आना लोगों के लिए बेहद कठिन काम होता था। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को लेकर होती थी, यहां प्रत्येक दिन मलेरिया से लेकर दूसरी अन्य बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है। गर्भवती महिलाओं के लिए इन इलाकों से निकलकर अस्पताल आना बेहद कठिन काम होता था। इस योजना में स्वास्थ्य अमला हाट-बाजारों में शिविर लगाकर लोगों का इलाज करने के साथ ही निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराते हैं। इससे ग्राम के ही नजदीक ग्रामवासी अपने स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार कराते हैं।

कोरोना काल के चलते महासमुंद जिले के 15 हाट-बाजारों में क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था। लेकिन अब माह अगस्त से दूरस्थ अंचलों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों सहित 99 हाट बाजारों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजनांतर्गत स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, प्रसवपूर्व संपूर्ण जांच एवं पूर्ण टीकाकरण सहित बी.पी, शुगर, मलेरिया, जांच किट के माध्यम से पैथोलॉजी जांच, नेत्र जांच, जागरूकता के अभाव में होने वाले अकाल मृत्यु को रोकना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, कुपोषण दर कम करना आदि है। महासमुंद विकासखंड सहित सभी बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में लगने वाली हाट बाजारों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक शिविर का संचालन किया जा रहा है।

साप्ताहिक हाट बाजारों में चिकित्सक, पैरा मेडिकल टीम के द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य उपचार किया जा रहा है। जिले में लगाये जा रहे हाट-बाजार क्लीनिक में पिछले जुलाई माह से 13 सितम्बर तक (लगभग ढाई महीने) में आयोजित 99 हाट-बाजारों में 281 शिविर लगाए गए। इनमें बागबाहरा के 22 हाट-बाजार, बसना के 20, महासमुंद के 23, पिथौरा के 08 और सरायपाली के 26 हाट-बाजार है। इन हाट-बाजारों में ढाई महीने में 20500 ग्रामीणों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया है। जिसमें मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी, डायरिया, कुपोषण, एनीमिया, सिकल सेल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ ही गर्भवती महिलाओं के ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन के अलावा गर्भधारण परीक्षण भी किया गया। इसके अतिरिक्त चर्म रोग और एच.आई.वी. की भी जॉच की गई। पहले जानकारी एवं अशिक्षा के कारण अंदरूनी इलाके के ग्रामीण आसपास के बैगा-गुनिया और सिरहा से झाड़-फूक के जरिये अपना इलाज करवाते थे। सही इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु तक हो जाती थी। उन दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अब बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है।

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