छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के राज्य सूचना आयुक्त श्री ए.के.अग्रवाल ने 02 और 03 अगस्त 2021 को तीन जनसूचना अधिकारी को 30 दिवस के भीतर जानकारी नहीं देने पर बड़ी कार्रवाई करते हुए पॉंच प्रकरणों पर 25-25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित करते हुए अधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।
सूचना का अधिकार अधिनियम भारत की संसद द्वारा पारित एक कानून है, जो 12 अक्टूबर, 2005 को लागू हुआ। यह कानून नागरिक को जानने का अधिकार  ¼ Right to Information ) या सूचना लेने के अधिकार ( RTI ) का हक देता है। हर नागरिक को सूचना लेने का अधिकार है, इसके तहत आप सरकार से कोई भी सूचना मांग सकते हैं। सरकारी निर्णय की प्रति ले सकते हैं, सरकारी दस्तावेजों और कार्य का निरीक्षण कर सकते हैं। सूचना का अधिकार अधिनियम से सरकारी दफ्तरों में लालफीताशाही की परम्परा की समाप्ति, शासन में पारदर्शिता, सभी जरुरी सूचनाएं सभी नागरिकों को प्राप्त करने का अधिकार है, ताकि जनता अपने शासन और शासकों की कार्याे एवं सूचनाओं का उपभोग करते हुए अपनी जनशक्ति का सही स्थान पर उपयोग कर सके।

शिकायकर्ता श्री हिरदे राम गिलहरे ग्राम कुर्रा ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी (सचिव) ग्राम पंचायत कुर्रा श्री रामजी साहू से ग्राम पंचायत कुर्रा में स्वच्छ भारत अभियान के अन्तर्गत शौचालय निर्माण के लिए हितग्राहियों के नामों की सूची और व्यय राशि, वर्ष 2015-16 से 2018-19 तक मूलभूत कार्याे के लिए प्राप्त राशि, कराए गए कार्याे और पंचायत प्रस्तावों के साथ भुगतान बिल की सत्यापित प्रति की मांग 15 जून 2019 को थी। इसी प्रकार ग्राम पंचायत कुर्रा में 14 वें वित आयोग से प्राप्त राशि, कराए गए कार्याे, पंचायत प्रस्तावों के साथ भुगतान के गए बिल की सत्यापित प्रति की मांग की थी।

जानकारी प्राप्त न होने के कारण आवेदक ने 19 जुलाई 2019 को प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील किया, प्रथम अपीलीय अधिकारी ने अपने आदेश में 30 दिवस के भीतर तत्कालीन जनसूचना अधिकारी (सचिव) ग्राम पंचायत कुर्रा श्री रामजी साहू को वर्तमान सचिव जनसूचना अधिकारी श्री प्यारे लाल रात्रे को प्रभार देने निर्देश दिए, जिससे कि आवेदक को जानकारी प्रदाय की जा सके। प्रथम अपीलीय अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत) के निर्देश और अनेको बार पत्र देने के बाद भी प्रभार वर्तमान सचिव को नहीं दिया। सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 7 (1) के तहत आवेदन प्राप्ति के 30 दिवस के भीतर जानकारी आवेदक को देना होता है, किन्तु तत्कालीन जनसूचना अधिकारी ने समयसीमा में जानकारी आवेदक को नहीं उपलब्ध कराया और प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की, जिसके कारण आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग में लगाया।

राज्य सूचना आयुक्त श्री ए.के.अग्रवाल ने प्रकरण का बारिकी से परीक्षण किया और आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत 3 प्रकरणों पर तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री रामजी साहू को 25-25 रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित किए हैं। आयुक्त श्री अग्रवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम के प्रति घोर लापरवाही मानते हुए जिला पंचायत रायपुर के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को अनुशासनात्क कार्यवाही करने अनुशंसा की है।

इसी प्रकार एक अन्य प्रकरण में आवेदक गाजीनगर बीरगांव निवासी डॉ. शकील ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री भूषण लाल साहू ग्राम पंचायत झलप जनपद पंचायत महासमुद जिला महासमुंद से एक जनवरी 2017 से 31 दिसम्बर 2018 के मध्य के ग्राम पंचायत झलप में पारित किए गए प्रस्ताव की छायाप्रति की मांग 30 अप्रैल 2019 को की थी। जनसूचना अधिकारी से जानकारी नहीं मिलने पर 18 जून 2019 को प्रथम अपीलीय अधिकारी को अपील किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी ने अपने निर्ण्य में आवेदक को 30 दिवस के भीतर जानकारी निःशुल्क देने को आदेश दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के पत्र जारी होने के बाद भी जानकारी अवेदक को नहीं मिलने पर आवेदक ने आयोग में द्वितीय अपील की। आयोग में सुनवाई के दौरान तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री भूषण लाल साहू बताया कि 16 जुलाई 2021 को आवेदक को पजीकृत डाक से जानकारी प्रेषित कर दी गई है।

राज्य सूचना आयुक्त श्री ए.के.अग्रवाल ने इस प्रकरण का परीक्षण कर आवेदक को अवसर प्रदान किया किन्तु आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने एवं प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना पर सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी श्री भूषण लाल साहू को 25 रूपए अर्थदण्ड अधिरोपित किए हैं। उन्होंने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत महासमुद जिला महासमुंद को निर्दशित किए हैं कि अधिरोपित अर्थदण्ड राशि की वसूली कर शासन के कोष में जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें।

जनसूचना अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलरामपुर जिला बलरामपुर से आवेदक चंदन कुमार गुप्ता सेक्टर 27 निवासी ने जनपद पंचायत बलरामपुर के ग्राम पंचायत सरगंवा के ग्राम लुरगी, खासपारा में सार्वजनिक जल व्यवस्था (PWS) के तहत कराए गए कार्याे के बिल व्हाउचर, मस्टररोल, कार्यपूर्णता उपरान्त छायाचित्र संबंधी दस्तावेज की मांग की। समय पर जनसूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी नहीं दिए जाने के कारण प्रथम अपीलीय को आवेदन किया किन्तु इसके बाद भी जानकारी नहीं मिलने पर आयोग को आवेदन किया। राज्य सूचना आयुक्त श्री ए. के. अग्रवाल ने इस प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए और तत्कालीन जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा आयेग के पत्रों का जवाब नही देने के कारण सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20(1) के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलरामपुर जिला बलरामपुर पर 25 हजार रूपए का अर्थदण्ड अधिरोपित किए हैं। उन्होंने मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग अटलनगर रायपुर को निर्देशित किए हैं कि अधिरोपित अर्थदण्ड राशि की वसूली कर शासन के कोष में जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग बलरामपुर के विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की अनुशंसा की है।

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