बाराबंकी: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी थाना कोतवाली नगर क्षेत्र में ऑल इंडिया मजलिस इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के एक कार्यक्रम में कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन तथा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के आरोप में उनके और आयोजक मंडल के खिलाफ मामला दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद एक और मामला दर्ज किया गया है.
ओवैसी बृहस्पतिवार (नौ सितंबर) को बाराबंकी में एक कार्यक्रम में शामिल हुए थे और कार्यक्रम के आयोजकों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया था. बाराबंकी में ओवैसी और कार्यक्रम आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद राष्ट्रीय ध्वज के अपमान को लेकर एक और मामला दर्ज किया गया है.
इससे पहले पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बीते शुक्रवार को बताया कि नौ सितंबर को थाना कोतवाली के तहत आने वाले मोहल्ला कटरा चंदना में एआईएमआईएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के कार्यक्रम में शासन द्वारा जारी कोविड-19 दिशानिर्देशों का उल्लंघन करते हुए काफी संख्या में भीड़ इकट्ठा की गई और प्रशासन द्वारा दी गई अनुमति का स्पष्ट उल्लंघन किया गया.
उन्होंने बताया कि उक्त कार्यक्रम के दौरान न तो किसी ने मास्क का प्रयोग किया गया और न ही सामाजिक दूरी का पालन किया गया.
एसपी के मुताबिक, एआईएमआईएम के अध्यक्ष ने अपने वक्तव्य में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाले कथित भड़काऊ भाषण दिए. ओवैसी ने कार्यक्रम में कहा कि कोतवाली रामसनेहीघाट में प्रशासन ने 100 वर्ष पुरानी मस्जिद को तुड़वा दिया और उसका मलबा भी वहां से पूर्ण रूप से हटा दिया गया.
जिस पुरानी मस्जिद का ओवैसी जिक्र कर रहे थे वह तहसील परिसर के बगल में और एसडीएम के आवास के सामने स्थित थी.
बाराबंकी के उपजिलाधिकारी की अदालत के आदेश पर इसी वर्ष 17 मई को भारी सुरक्षा के बीच तहसील परिसर के बगल में और एसडीएम के आवास के सामने स्थित एक ढांचे (एक सदी पुरानी मस्जिद) को ध्वस्त किया गया था, जिसका ओवैसी संदर्भ दे रहे थे.
बाराबंकी के जिला मजिस्ट्रेट आदर्श सिंह ने कहा था कि संरचना अवैध थी और तहसील प्रशासन को 18 मार्च को इसका कब्जा मिला था.
उन्होंने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने दो अप्रैल को इस संबंध में दायर एक याचिका का निपटारा किया था, जो साबित करती है कि निर्माण अवैध था.
उन्होंने बताया कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता हैं जिससे सांप्रदायिक दंगा या तनाव फैलता है या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती हैं), 188 (लोक सेवक के आदेश की अवहेलना करना), 269 (लापरवाही से जीवन के लिए खतरनाक बीमारी फैलने की संभावना), 270 (घातक कार्य से बीमारी का संक्रमण फैलने की संभावना) तथा महामारी अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया हैं.
पुलिस के मुताबिक, ओवैसी ने प्रधानमंत्री, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री, प्रदेश सरकार के खिलाफ भी अभद्र टिप्पणियां की.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में ओवैसी और आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज कर कानूनी कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने कहा कि हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने पार्टी रैली में बड़ी संख्या में लोगों को बुलाया, जिसमें मास्क लगाने और सामाजिक दूरी का पालन करने जैसे नियमों का उल्लंघन हुआ है.
ओवैसी और आयोजकों के खिलाफ उपरोक्त मामला दर्ज करने के कुछ ही घंटों बाद पुलिस ने ओवैसी की जनसभा के दौरान राष्ट्रीय ध्वज के कथित अपमान को लेकर एक और मामला दर्ज किया है.