राजधानी होने के कारण शहर की हर दिशा में ट्रैफिक का दबाव इतना बढ़ गया है कि सुबह और शाम को समय पर अपनी मंजिल तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है। 10 मिनट का रास्ता 20 से 30 मिनट में तय होता है। ऐसे में जमैटो का 10 मिनट के भीतर डिलीवरी देने का ऑफर उनके कर्मचारियों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से पीड़ादायक हो सकता है। दरअसल शहर भर में आईटीएमएस के 50 ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं।

रायपुर.

 

राजधानी होने के कारण शहर की हर दिशा में ट्रैफिक का दबाव इतना बढ़ गया है कि सुबह और शाम को समय पर अपनी मंजिल तक पहुंचना काफी मुश्किल होता है। 10 मिनट का रास्ता 20 से 30 मिनट में तय होता है। ऐसे में जमैटो का 10 मिनट के भीतर डिलीवरी देने का ऑफर उनके कर्मचारियों के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से पीड़ादायक हो सकता है। दरअसल शहर भर में आईटीएमएस के 50 ट्रैफिक सिग्नल लगे हैं। इनमें से करीब 30 सिग्नल ऐसे हैं, जहां आने-जाने वाले वाहनों की काफी भीड़ लगती है और ट्रैफिक सिग्नल में सिग्नल बदलने का टाइम भी एक से डेढ़ मिनट का हो जाता है। अगर जमैटो के किसी डिलवरी बॉय को ऐसे 10 ट्रैफिक सिग्नल पार करके पार्सल पहुंचाने की जरूरत पड़ गई, तो उनके 10 मिनट के भीतर पहुंचने का टारगेट ही पूरा नहीं हो पाएगा। उसे अपना टारगेट पूरा करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल को तोड़ते हुए जाना पड़ेगा। इसके अलावा भीड़भीड़ वाले मार्ग में भी अधिक रफ्तार से गाड़ी चलानी होगी। इससे सड़क हादसे की आशंका भी बढ़ेगी। उल्लेखनीय है कि जमैटो ने 10 मिनट के भीतर पार्सल डिलीवरी करने की घोषणा की है। यह भीड़भाड़ वाले शहर में जोखिम भरा सफर हो सकता है।रायपुर में होगा सफर कठिन

शहर के प्रमुख इलाकों में भी सड़कों की चौड़ाई काफी कम है और वाहनों की संख्या ज्यादा। इससे ट्रैफिक जाम की समस्या रहती है। मरीन ड्राइव, मोवा से पंडरी तक, पंडरी से शंकर नगर, पंडरी से घड़ी चौक, फाफाडीह से खमतराई- भनपुरी तक, जयस्तंभ चौक से कालीबाड़ी और फिर वहां से पचपेढ़ीनाका और संतोषी नगर तक, अमलेश्वर से लाखे नगर, सुंदर नगर और पुरानीबस्ती रोड, टाटीबंध से लेकर आमापारा तक, आमापारा से जयस्तंभ चौक व तेलघानीनाका तक दिन में कई बार जाम की स्थिती बनती है। यही हाल जयस्तंभ से चारों दिशा में होता है। इनसे 10 मिनट के भीतर गुजरना मुश्किल होता है।2 हजार से ज्यादा डिलीवरी बॉय

राजधानी में जमैटो के 2000 से ज्यादा जमैटो डिलीवरी बॉय हैं। ये अलग-अलग रेस्टोंरेंट, होटल व फूडजोन के आसपास सक्रिय रहते हैं। और आर्डर मिलते ही अतिशीघ्र डिलीवरी करते हैं।पहले से अपना रहे हैं रिस्की तरीका
-पार्सल ले जाते समय डिलीवरी बॉय अधिक रफ्तार से बाइक चलाते हैं।-बाइक में लगे इलेक्ट्रानिक डिवाइस पर गूगल मैप के जरिए कस्टमर केयर का नंबर देखते रहते हैं। इससे ड्राइव करते समय ध्यान भटकता है।

-बार-बार कस्टमर से मोबाइल में बात भी करते रहते हैं।482 की हो चुकी है मौत

पिछले साल जिले के अलग-अलग इलाके में 482 लोगों की सड़क हादसे में मौत हो चुकी हैं। मरने वालों में 80 फीसदी संख्या दोपहिया सवार की हैं। जनवरी 2022 से मार्च 28 तक सड़क हादसे में 125 लोगों की मौत हो चुकी है।

वर्सन

जमैटो के डिलीवरी बॉय की एक बार बैठक ली गई थी। उस दौरान उन्हें ट्रैफिक सिग्नल जंप नहीं करने, वाहन चलाते समय मोबाइल से बात नहीं करने और अधिक रफ्तार में बाइक नहीं चलाने की चेतावनी दी गई है। जरूरत पड़ने पर फिर बैठक ली जाएगी। शहर में सुबह ऑफिस टाइम और शाम के समय ट्रैफिक का दबाव ज्यादा होता है। ऐसे समय में 10 मिनट के भीतर शहर के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में ट्रैफिक नियमों का पालन करते हुए जाना काफी मुश्किल होता है।

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