कॉफी पीने के अपने फायदे-नुकसान है, लेकिन नई रिसर्च अलर्ट करने वाली है। ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों का कहना है, रोजाना 6 कप से अधिक कॉफी पीते हैं तो इसका सीधा असर ब्रेन पर पड़ता है। नतीजा, ऐसे लोगों में याद्दाश्त घटने (डिमेंशिया) का खतरा 58 फीसदी तक रहता है। स्ट्रोक का डर भी बना रहता है।
एक दिन में कितनी कॉफी लें, यह कैसे नुकसान पहुंचाती है और कितनी तरह से शरीर पर बुरा असर छोड़ सकती है, जानिए इन सवालों के जवाब…
कॉफी में ऐसा क्या है जो नुकसान पहुंचा सकता है
कॉफी में कैफीन नाम का तत्व पाया जाता है। यह सीधे दिमाग के नर्वस सिस्टम पर अपना असर छोड़ता है। नतीजा इंसान रिलैक्स महसूस करने लगता है। लेकिन, जब इसकी मात्रा जरूरत से ज्यादा हो जाती है यही कैफीन दिमाग पर बुरा असर छोड़ने लगता है। जैसे- नींद न आना।कॉफी पीने पर इसमें मौजूद कैफीन ब्लड में मिलकर पूरे शरीर में फैल जाता है। इसलिए आसानी से असर दिमाग पर होता है। दिमाग से जुड़ा एक न्यूरोट्रांसमीटर है एडिनोसिन। यह आपको बताता है कि आप थक गए हैं। कैफीन इसी न्यूरोट्रांसमीटर को ब्लॉक कर देता है। ऐसे में आप थकान नहीं महसूस करते और खुद को फ्रेश पाते हैं।डायटीशियन सुरभि पारीक कहती हैं, कैफीन कुछ हद तक फायदा पहुंचाता है, लेकिन जब यह अधिक मात्रा में शरीर में पहुंचता है तो नुकसान करने लगता है। दिनभर में 300 से 400 मिग्रा से अधिक कैफीन नहीं लेना चाहिए। इसलिए एक या दो छोटे कप कॉफी लेना ही सही है।
भूख घट जाती है, शरीर में पानी की कमी हो सकती है
क्लीनिकल डाइटीशियन सुरभि पारीक कहती हैं, शरीर में कैफीन पहुंचने पर इंसान शारीरिक और मानसिक तौर पर खुद को एनर्जेटिक महसूस करता है। यही वजह है कि कॉफी पीने के बाद वह ज्यादा काम करता है और थकावट भी महसूस नहीं होती। लेकिन जब कैफीन की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो भूख लगना कम हो जाता है, नतीजा, वजन घटने लगता है। ठीक से नींद नहीं आती। शरीर से जयादा यूरिन रिलीज होने की वजह से पानी की कमी हो जाती है।शरीर की एनर्जी बढ़ने पर इसका असर ब्लड प्रेशर पर भी पड़ता है। ऐसे लोगों में हाई बीपी की समस्या हो सकती है। जो हार्ट को प्रभावित कर सकता है। इसलिए इसे अधिक मात्रा में लेने से बचें।