कुछ महिलाओं को, पीरियड्स के समय बहुत अधिक तकलीफ होती है और कुछ के लिए थोड़ा कम। हर महिला को अलग तरीके से दर्द होता है और उनका शरीर पीरियड्स संबंधी दर्द के लिए अलग तरह की प्रतिक्रिया देता है। जिन महिलाओं को पेट में होनेवाले क्रैम्प्स की तकलीफ बर्दाश्त नहीं होती, अक्सर वे उससे राहत के लिए पेनकिलर्स लेती हैं। लेकिन पीरियड्स के समय पेनकिलर्स खान से जुड़ी हुई बहुत सी बातें की जाती हैं। पीरियड्स के समय में महिलाओं का पेनकिलर खाना कितना सुरक्षित है आईये जानते है –
पेनकिलर्स की हल्की पीरियड क्रैम्प्स को कम करने में मदद कर सकती है और सुरक्षित हैं: ‘यह एक मिथक है कि पीरियड्स के दौरान दर्द निवारक गोलियां खाने से किसी महिला के स्वास्थ्य को नुकसान पहुंच सकता है। सच यह है कि, अगर आपको दर्द होता है या पीरियड्स के समय बहुत अधिक ऐंठन होती है, तो पेरासिटामोल या आईबुप्रोफेन जैसे हल्के दर्द निवारक लेने से मदद मिल सकती है। यह दवाओं की मदद से पीरियड्स में होनवाली ऐंठन का इलाज करने का भी एक सुरक्षित तरीका है।’ डॉ. मेघना कहती हैं, ‘किशोर लड़कियों और युवा महिलाओं को गंभीर पीरीयड क्रैम्प्स महसूस होते हैं और यह काफी सामान्य भी है। ऐसे मामलों में, पीरियड्स के पहले 2 दिनों के दौरान एक दिन में भी 2 पेनकिलर्स लेना सुरक्षित होता हैI हालांकि, अगर आपको अपने पीरियड्स के प्रत्येक दिन 2 से अधिक पेनकिलर्स लेने की जरूरत पड़ती है, तो आपको अपने डॉक्टर के साथ एक बार परामर्श ज़रूर करना चाहिए।’
दर्द उम्र के साथ बेहतर हो जाता है: ‘बेशक, पेनकिलर्स के लंबे समय तक सेवन के दुष्प्रभाव होते हैं। लेकिन पीरियड्स के समय होनेवाले नियमित दर्द हमेशा के लिए नहीं रहते हैं। एक बार जब कोई लड़की अपनी किशोरावस्था को पार करती है, तो अंततः दर्द ठीक हो जाता है। अगर नहीं, तो पहली गर्भावस्था के बाद, अधिकांश युवा महिलाओं को पीरियड्स के समय महसूस होनेवाले से दर्द से राहत महसूस होती है।’ यह कहना है डॉ. मेघना का।
गंभीर ऐंठन किसी बीमारी का संकेत देती है: ‘यदि मासिक धर्म में दर्द से राहत पाने के लिए आपको 2 से अधिक पेनकिलर्स की जरूरत पड़ती है तो आपको अपने गायनकोलॉजिस्ट से जांच करानी चाहिए, क्योंकि यह आपकी सेहत से जुड़ी किसी समस्या का संकेत हो सकती है। पीरियड्स के दौरान गंभीर ऐंठन या क्रैम्प्स ओवेरीयन सिस्ट(ovarian cyst), पॉलीप (polyp), फाइब्रॉएड (fibroids), पीसीओडी (PCOD), एंडोमेट्रियोसिस या अन्य रोग संबंधी समस्या का संकेत हो सकता है। अल्ट्रासाउंड स्कैन करने से आपको समस्या के मूल कारण का पता लगाने में आसानी होगी और समय पर इसका इलाज करने में मदद हो सकेगी। डॉ. मेघना ने आगे बताया कि, ‘गंभीर पीरियड क्रैम्प्स के अलावा, अगर आपके पीरियड से एक हफ्ते पहले दर्द शुरू हो जाता है और पीरियड्स समाप्त होने के बाद भी कई दिनों तक बना रहता है, तो यह एक संकेत है कि इसके लिए कोई अंतर्निहित कारण है। जब तक आपको अपनी तकलीफ का सही कारण नहीं पता चलेगा तब तक पेनकिलर लेने से आपकी मदद नहीं होगी।’
पीरियड्स के दौरान होनेवाले दर्द को कम करने के लिए आपको पूरी तरह से पेनकिलर्स पर निर्भर क्यों नहीं होना चाहिए?
हर दवा की तरह, लम्बे समय तक इबुप्रोफेन/पेरासिटामोल के सेवन का भी दुष्प्रभाव होता है। इन दवाइयों के कुछ आम दुष्प्रभाव हैं- गैस्ट्रिक समस्या , पेट दर्द , दिल की धड़कन का अनियमित होना , छाती में अकड़न, चक्कर आना, पेट में मरोड़, दस्त या डायरिया (Diarrhoea), मतली या उलटी .इस बात का रखें ध्यान: भले ही आप सौम्य या हल्की खुराक वाला पेनकिलर लेना चाहते हों, लेकिन इनके सेवन से पहले हमेशा अपने डॉक्टर से बात कर लें।