पिछले एक साल से आराधिता गोयनका ग्लूटेन और शुगर फ्री स्वीट्स जैसे चॉकलेट मूस, ग्रेनोला जार और कुकीज बना रही हैं। अपने इस काम को उन्होंने मिरेकल प्रोजेक्ट नाम दिया है |
इसके अंतर्गत वे महामारी में बेसहारा हुए बच्चों, महिलाओं और कैंसर पेशेंट की मदद करती हैं। आराधिता द्वारा जमा की गई राशि विभिन्न चैरिटेबल ऑर्गेनाइजेशन को दान कर दी जाती हैं। आराधिता मिरेकल प्रोजेक्ट को अपना ड्रीम प्रोजेक्ट मानती हैं। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत उन्होंने 13 साल की उम्र में विभिन्न एनजीओ की मदद करने के लिए की थी। हालांकि इस उम्र में अपने प्रोजेक्ट के लिए फंड जुटाना आसान नहीं था। तब उन्होंने बेकिंग के अपने शौक को पैसे कमाने का जरिया बनाया।
आराधिता को समाज सेवा करने की प्रेरणा एक किताब ‘डेनियल- क्रॉनिकल्स ऑफ ए सुपरहीरोइन’ से मिली। ये किताब उनके पिता अमित गोयनका ने गिफ्ट की थी। इस किताब की कहानी में एक युवा लड़की समाज सेवा करने के लिए हर संभव कार्य करती है।
इस किताब को पढ़कर उन्हें अहसास हुआ कि समाज की सेवा के लिए उन जैसे युवाओं का योगदान भी खास है। हमारी थोड़ी सी कोशिश से समाज के कई लोगों की मदद हो सकती है। मेरे डेजर्ट बनाने के शौक को पूरा करने में मां ने पूरी मदद की। शुरुआत में मुझे लगा कि ये काम इतना आसान नहीं है। लेकिन जल्दी ही मैंने इस बिजनेस से जुड़ी बारीकियां सीखी। साथ ही स्कूल वर्क के साथ अपने बेकिंग वर्क को बैलेंस करना भी सीख लिया।