जम्मू-कश्मीर में आतंकियों ने भी रणनीति बदली है। आतंकवादी अब छोटे-मोटे अपराध या फिर बिना किसी आपराधिक रिकॉर्ड वाले स्थानीय युवाओं को लालच देकर भर्ती कर रहे हैं। ये हाइब्रिड आतंकी हमले को अंजाम देकर सामान्य जीवन जीने लगते हैं।

नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर में आतंकी चुन-चुनकर कश्मीरी पंडित, गैर-कश्मीरी हिंदुओं और वतनपरस्त मुस्लिमों की हत्याएं कर रहे हैं। 3 दिनों में 3 हिंदुओं की हत्या हो चुकी है। घाटी में इस साल अबतक 18 टारगेट किलिंग हो चुकी है। दिल्ली स्थित गृह मंत्रालय में लगातार दूसरे दिन तेज हलचल है। 24 घंटे के भीतर गृह मंत्री अमित शाह दूसरी बार एनएसए अजित डोभाल संग बैठक कर रहे हैं। शाह ने कल डोभाल और रॉ चीफ के साथ बैठक की। आज जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए डोभाल, आर्मी चीफ मनोज पांडे के साथ मीटिंग कर रहे हैं। बैठक में टारगेट किलिंग से निपटने की रणनीति के साथ-साथ अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर मंथन हो रहा है। टारगेट किलिंग के खिलाफ तो प्लान तैयार भी कर लिया गया है।
कश्मीर घाटी मेंएक के बाद एक टारगेट किलिंग की घटनाओं से 90 के दशक के भयावह दौर की यादें ताजा हो चुकी हैं। घाटी से एक बार फिर बचे-खुचे कश्मीरी पंडितों का पलायन शुरू हो गया है। जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा बलों ने आतंकियों के सफाये के लिए एंटी-टेरर ऑपरेशन तेज किया है। इसके अलावा 2019 में आर्टिकल 370 के तहत राज्य को मिले विशेष दर्जे को खत्म किए जाने के बाद जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य होने और पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ स्थानीय स्तर पर उठती आवाज से आतंकी बौखलाए हुए हैं। इसी बौखलाहट में वे टारगेट किलिंग कर रहे। 3 दिनों में ही एक कश्मीरी और 2 गैरकश्मीरी हिंदुओं की हत्या कर दी है। मंगलवार को आतंकियों ने कुलगाम में रजनी बाला नाम की एक सरकारी टीचर की स्कूल के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी। गुरुवार को कुलगाम के ही अर्रेह गांव में आतंकियों ने इलाकाई देहाती बैंक के बैंक मैनेजर विजय कुमार (27) की गोली मारकर हत्या कर दी। वह राजस्थान के रहने वाले थे। कुमार की हत्या के कुछ घंटे बाद ही बडगाम में आतंकियों ने गैर-कश्मीरी मजदूरों पर हमला किया। हमले में दिलखुश कुमार की मौत हो गई। वह बिहार के वैशाली के जंदाहा के रहने वाले थे। पिछले महीने ही आतंकियों ने तहसील परिसर में घुसकर क्लर्क राहुल भट की गोली मारकर हत्या कर दी।
टारगेट किलिंग के खिलाफ प्लान तैयार
विजय कुमार की हत्या के बाद गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को दिल्ली में एनएसए अजीत डोभाल और रॉ चीफ सामंत गोयल के साथ बैठक की। अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा की स्थिति की समीक्षा के लिए शाह की एलजी मनोज सिन्हा के साथ शुक्रवार को बैठक प्रस्तावित थी लेकिन उससे एक दिन पहले ही उन्होंने एनएसए के साथ मीटिंग कर एंटी-टेरर स्ट्रैटिजी पर चर्चा की। टारगेट किलिंग में ज्यादातर वे आतंकी शामिल हैं, जिनका पहले का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं रहा है और न ही उन सबने किसी टेरर कैंप में ट्रेनिंग ली है। ये ‘हाइब्रिड’ आतंकी सुरक्षा बलों के लिए बड़ी चुनौती बन चुके हैं। इससे निपटने के लिए ये रणनीति बनी है कि जम्मू-कश्मीर पुलिस ऐसे ‘अदृश्य’ हाइब्रिड आतंकियों पर फोकस करेगी। दूसरी तरफ सुरक्षा बल उन आतंकियों पर फोकस करेंगे जिनकी पहचान हो चुकी है, जो पाकिस्तानी हैं या फिर वे स्थानीय युवा जो सोशल मीडिया पर ऐलान करके आतंकवाद में कदम रख रहे हैं।

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