नवा रायपुर के सेक्टर 29 में अवैध तरीके से चलाए जा रहे बालगृह से महिला एवं बाल विकास विभाग ने 19 बच्चों को मुक्त कराया है. इनमें से ज्यादातर बच्चे मंडला, मध्यप्रदेश से लाए गए हैं, जिनके माता-पिता की कोविड से मौत हो चुकी है. आशंका है कि बालगृह की आड़ में मानव तस्करी की जा रही थी.
जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ सोसाइटी रजिस्ट्रेशन अधिनियम 1973 के अधीन वर्ष 2020 में पंजीकृत लाइव शो शिक्षा एवं सामाजिक कल्याण समिति, रिसाली भाटा, दुर्ग की ओर से नवा रायपुर स्थित अटल नगर में लाइव शो के नाम से अनाथ आश्रम संचालित किया जा रहा है. संस्थान की ओर से बच्चों की नि:शुल्क आश्रय के साथ पढ़ाई-लिखाई के संबंध में सोशल मीडिया के जरिए प्रचारित किया जाता है. अनाथ आश्रम में किशोर न्याय बालकों की देखरेख एवं संरक्षण अधिनियम 2015 के नियमों के अनुरूप कोई कर्मचारी कार्यरत नहीं हैं. संस्थान के रसोइया और केयर टेकर अध्यक्ष नरेश महानंद के परिवार से संबद्ध हैं.
नियम विरुद्ध अनाथ आश्रम के संचालन की जानकारी मिलने पर जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन और स्थानीय पुलिस के सहयोग से 19 बालक- बालिकाओं का रेस्क्यू किया गया. इन बच्चों को बालक कल्याण समिति, माना कैंप में प्रस्तुत किया गया. इनमें से 10 बच्चों को बाल कल्याण समिति द्वारा शासकीय बालगिरी एवं नव बालिकाओं को बाल कल्याण समिति द्वारा एसओएस में सुरक्षा संरक्षण प्रदान किया गया है.